December 30, 2019
December 22, 2019
તૈયાર છે જૂનાગઢ...તો ચાલો એક દોડ કરીએ...
આગામી તારીખ ૧૨ જાન્યુઆરી ૨૦૨૦ " શ્રી સ્વામિ વિવેકાનંદન " જન્મ દિવસને સમગ્ર ભારત રાષ્ટ્રીય યુવા દિવસ તરીકે મનાવે છે. આ ૧૨ જાન્યુઆરી ૨૦૨૦ ના રોજ જુનાગઢ મહાનગરપાલિકા દ્વારા " રન ફોર ક્લીન જુનાગઢ " મેરેથોન દોડ ૨૦૨૦ ની આયોજન સાયકલિંગ એશો. તથા ગુજરાત સ્પોટ્સ જુનાગઢના સહયોગથી જુનાગઢ ખાતે કરવામાં આવેલ છે.
આ મેરેથોન દોડ અંતગત ( ૨૧ કિમી ) (૫ કીમી. ) અને (૧ કીમી. ) દોડ સ્પર્ધાનુ આયાજન કરેલ છે. આ સ્પર્ધામાં ૨૧ અને ૧ માટે તથા પ કિમી. અંડર ૧૭ , ૧૮ થી ૩૯, અને ૪૦ થી ઉપર એમ ભાઈઓ - બહેનો મળી કુલ ૧૦ વિભાગમાં સ્પર્ધા યોજાશે જેમા ૨૧ કીમી. અને ૫ કીમી. વિજેતાઓને પ્રોત્સાહન સ્વરૂપે " રોકડ ઈનામ " પણ આપવામાં આવશે.
આ સ્પર્ધા માટે કોઈ " એન્ટ્રી ફી રાખેલ નથી " માત્ર વ્યવસ્થાના ભાગરૂપે ગીરનાર સ્પર્ધાની જેમ સામાન્ય રકમ ડીયોઝીટ રાખેલ છે. જે સ્પર્ધા બાદ સ્પર્ધકોને પરત આપવામાં આવશે. ભાગ લેનાર તમામ સ્પર્ધકને જુનાગઢ મહાનગર પાલીકા તરફથી " ટી - શર્ટ, મેડલ અને પ્રમાણપત્ર આપવામાં આવશે.
આ સ્પર્ધામાં ભાગ લેવા માટે ફોર્મ ભરવું જરૂરી છે. ફોર્મ મેળવવા અને પરત કરવા માટે નીચે આપેલ એડ્રેસ પર સંપર્ક કરવો...
▪️સ્થળ - ગુજરાત સ્પોર્ટ્સ, તળાવ
દરવાજા, સંવાદ કોમ્પલેક્ષ,
જૂનાગઢ.
મો. નંબર - ૯૯૯૮૩૪૭૭૧૧
▪️બહાર ગામના સ્પર્ધકો માટે - વેબસા. 👇
www.holidayadventure.org
www.thegujaratsports.com
▪️ ફોર્મ ભરીને આપવા માટે છેલ્લી તારીખ -
૦૭ - ૦૧ - ૨૦૨૦ છે.
#VoiceofJunagadh #JMC #Holidayadventure #GujaratSports #NationalYouthDay #GetReady #Run
આગામી તારીખ ૧૨ જાન્યુઆરી ૨૦૨૦ " શ્રી સ્વામિ વિવેકાનંદન " જન્મ દિવસને સમગ્ર ભારત રાષ્ટ્રીય યુવા દિવસ તરીકે મનાવે છે. આ ૧૨ જાન્યુઆરી ૨૦૨૦ ના રોજ જુનાગઢ મહાનગરપાલિકા દ્વારા " રન ફોર ક્લીન જુનાગઢ " મેરેથોન દોડ ૨૦૨૦ ની આયોજન સાયકલિંગ એશો. તથા ગુજરાત સ્પોટ્સ જુનાગઢના સહયોગથી જુનાગઢ ખાતે કરવામાં આવેલ છે.
આ મેરેથોન દોડ અંતગત ( ૨૧ કિમી ) (૫ કીમી. ) અને (૧ કીમી. ) દોડ સ્પર્ધાનુ આયાજન કરેલ છે. આ સ્પર્ધામાં ૨૧ અને ૧ માટે તથા પ કિમી. અંડર ૧૭ , ૧૮ થી ૩૯, અને ૪૦ થી ઉપર એમ ભાઈઓ - બહેનો મળી કુલ ૧૦ વિભાગમાં સ્પર્ધા યોજાશે જેમા ૨૧ કીમી. અને ૫ કીમી. વિજેતાઓને પ્રોત્સાહન સ્વરૂપે " રોકડ ઈનામ " પણ આપવામાં આવશે.
આ સ્પર્ધા માટે કોઈ " એન્ટ્રી ફી રાખેલ નથી " માત્ર વ્યવસ્થાના ભાગરૂપે ગીરનાર સ્પર્ધાની જેમ સામાન્ય રકમ ડીયોઝીટ રાખેલ છે. જે સ્પર્ધા બાદ સ્પર્ધકોને પરત આપવામાં આવશે. ભાગ લેનાર તમામ સ્પર્ધકને જુનાગઢ મહાનગર પાલીકા તરફથી " ટી - શર્ટ, મેડલ અને પ્રમાણપત્ર આપવામાં આવશે.
આ સ્પર્ધામાં ભાગ લેવા માટે ફોર્મ ભરવું જરૂરી છે. ફોર્મ મેળવવા અને પરત કરવા માટે નીચે આપેલ એડ્રેસ પર સંપર્ક કરવો...
▪️સ્થળ - ગુજરાત સ્પોર્ટ્સ, તળાવ
દરવાજા, સંવાદ કોમ્પલેક્ષ,
જૂનાગઢ.
મો. નંબર - ૯૯૯૮૩૪૭૭૧૧
▪️બહાર ગામના સ્પર્ધકો માટે - વેબસા. 👇
www.holidayadventure.org
www.thegujaratsports.com
▪️ ફોર્મ ભરીને આપવા માટે છેલ્લી તારીખ -
૦૭ - ૦૧ - ૨૦૨૦ છે.
#VoiceofJunagadh #JMC #Holidayadventure #GujaratSports #NationalYouthDay #GetReady #Run
December 17, 2019
सोनाली बेंद्रे - कैंसर
अजय देवगन - लिट्राल अपिकोंडिलितिस
(कंधे की गंभीर बीमारी)
इरफान खान - कैंसर
मनीषा कोइराला - कैंसर
युवराज सिंह - कैंसर
सैफ अली खान - हृदय घात
रितिक रोशन - ब्रेन क्लोट
अनुराग बासु - खून का कैंसर
मुमताज - ब्रेस्ट कैंसर
शाहरुख खान - 8 सर्जरी
(घुटना, कोहनी, कंधा आदि)
ताहिरा कश्यप (आयुष्मान खुराना की पत्नी) - कैंसर
राकेश रोशन - गले का कैंसर
लीसा राय - कैंसर
राजेश खन्ना - कैंसर,
विनोद खन्ना - कैंसर
नरगिस - कैंसर
फिरोज खान - कैंसर
टोम अल्टर - कैंसर...
ये वो लोग हैं या थे-
जिनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है/थी!
खाना हमेशा डाइटीशियन की सलाह से खाते है।
दूध भी ऐसी गाय या भैंस का पीते हैं
जो AC में रहती है और बिसलेरी का पानी पीती है।
जिम भी जाते है।
रेगुलर शरीर के सारे टेस्ट करवाते है।
सबके पास अपने हाई क्वालिफाइड डॉक्टर है।
अब सवाल उठता है कि आखिर
अपने शरीर की इतनी देखभाल के बावजूद भी इन्हें इतनी गंभीर बीमारी अचानक कैसे हो गई।
क्योंकि ये प्राक्रतिक चीजों का इस्तेमाल
बहुत कम करते है।
या मान लो बिल्कुल भी नहीं करते।
जैसा हमें प्रकृति ने दिया है ,
उसे उसी रूप में ग्रहण करो वो कभी नुकसान नहीं देगा।
कितनी भी फ्रूटी पी लो ,
वो शरीर को आम के गुण नहीं दे सकती।
अगर हम इस धरती को प्रदूषित ना करते
तो धरती से निकला पानी बोतल बन्द पानी से
लाख गुण अच्छा था।
आप एक बच्चे को जन्म से ऐसे स्थान पर रखिए
जहां एक भी कीटाणु ना हो।
बड़ा होने से बाद उसे सामान्य जगह पर रहने के लिए छोड़ दो,
वो बच्चा एक सामान्य सा बुखार भी नहीं झेल पाएगा!
क्योंकि उसके शरीर का तंत्रिका तंत्र कीटाणुओ से लड़ने के लिए विकसित ही नही हो पाया।
कंपनियों ने लोगो को इतना डरा रखा है,
मानो एक दिन साबुन से नहीं नहाओगे तो तुम्हे कीटाणु घेर लेंगे और शाम तक पक्का मर जाओगे।
समझ नहीं आता हम कहां जी रहे है।
एक दूसरे से हाथ मिलाने के बाद लोग
सेनिटाइजर लगाते हुए देखते हैं हम।
इंसान सोच रहा है- पैसों के दम पर हम जिंदगी जियेंगे।
आपने कभी गौर किया है--
पिज़्ज़ा बर्गर वाले शहर के लोगों की
एक बुखार में धरती घूमने लगती है।
और वहीं दूध दही छाछ के शौकीन
गांव के बुजुर्ग लोगों का वही बुखार बिना दवाई के ठीक हो जाता है।
क्योंकि उनकी डॉक्टर प्रकृति है।
क्योंकि वे पहले से ही सादा खाना खाते आए है।
प्राकृतिक चीजों को अपनाओ!
विज्ञान के द्वारा लैब में तैयार
हर एक वस्तु शरीर के लिए नुकसानदायक है!
पैसे से कभी भी स्वास्थ्य और खुशियां नहीं मिलती।।
आइए फ़िर से_ चलें
*प्रकृति की ओर...* 🙏🏻
अजय देवगन - लिट्राल अपिकोंडिलितिस
(कंधे की गंभीर बीमारी)
इरफान खान - कैंसर
मनीषा कोइराला - कैंसर
युवराज सिंह - कैंसर
सैफ अली खान - हृदय घात
रितिक रोशन - ब्रेन क्लोट
अनुराग बासु - खून का कैंसर
मुमताज - ब्रेस्ट कैंसर
शाहरुख खान - 8 सर्जरी
(घुटना, कोहनी, कंधा आदि)
ताहिरा कश्यप (आयुष्मान खुराना की पत्नी) - कैंसर
राकेश रोशन - गले का कैंसर
लीसा राय - कैंसर
राजेश खन्ना - कैंसर,
विनोद खन्ना - कैंसर
नरगिस - कैंसर
फिरोज खान - कैंसर
टोम अल्टर - कैंसर...
ये वो लोग हैं या थे-
जिनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है/थी!
खाना हमेशा डाइटीशियन की सलाह से खाते है।
दूध भी ऐसी गाय या भैंस का पीते हैं
जो AC में रहती है और बिसलेरी का पानी पीती है।
जिम भी जाते है।
रेगुलर शरीर के सारे टेस्ट करवाते है।
सबके पास अपने हाई क्वालिफाइड डॉक्टर है।
अब सवाल उठता है कि आखिर
अपने शरीर की इतनी देखभाल के बावजूद भी इन्हें इतनी गंभीर बीमारी अचानक कैसे हो गई।
क्योंकि ये प्राक्रतिक चीजों का इस्तेमाल
बहुत कम करते है।
या मान लो बिल्कुल भी नहीं करते।
जैसा हमें प्रकृति ने दिया है ,
उसे उसी रूप में ग्रहण करो वो कभी नुकसान नहीं देगा।
कितनी भी फ्रूटी पी लो ,
वो शरीर को आम के गुण नहीं दे सकती।
अगर हम इस धरती को प्रदूषित ना करते
तो धरती से निकला पानी बोतल बन्द पानी से
लाख गुण अच्छा था।
आप एक बच्चे को जन्म से ऐसे स्थान पर रखिए
जहां एक भी कीटाणु ना हो।
बड़ा होने से बाद उसे सामान्य जगह पर रहने के लिए छोड़ दो,
वो बच्चा एक सामान्य सा बुखार भी नहीं झेल पाएगा!
क्योंकि उसके शरीर का तंत्रिका तंत्र कीटाणुओ से लड़ने के लिए विकसित ही नही हो पाया।
कंपनियों ने लोगो को इतना डरा रखा है,
मानो एक दिन साबुन से नहीं नहाओगे तो तुम्हे कीटाणु घेर लेंगे और शाम तक पक्का मर जाओगे।
समझ नहीं आता हम कहां जी रहे है।
एक दूसरे से हाथ मिलाने के बाद लोग
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इंसान सोच रहा है- पैसों के दम पर हम जिंदगी जियेंगे।
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और वहीं दूध दही छाछ के शौकीन
गांव के बुजुर्ग लोगों का वही बुखार बिना दवाई के ठीक हो जाता है।
क्योंकि उनकी डॉक्टर प्रकृति है।
क्योंकि वे पहले से ही सादा खाना खाते आए है।
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आइए फ़िर से_ चलें
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